
कहते है पानी अपना रास्ता अपने आप बनाता है । परन्तु अगर वह रास्ता इंसान की जान लेकर बने तो फिर ड़रना लाजिमी है । ओर जब बात हो हिन्दुस्तान के दो महत्वपूर्ण राजधानियो की ओर जिसमे एक राजधानी से तो खुद हिन्दुस्तान की पहचान होती है । हम यहा बात कर रहे है दिल्ली ओर मुम्बई की । अभी तो मॉनसून पूरी तरह अपने शबाब पर नही चढा ओर उससे पहले ही आज दिल्ली माफ करना दिल्ली ‘ दरिया दिल्ली ‘बन चुकी है । ओर ऐसा ही कुछ हाल मायानगरी के नाम से प्रसिद्ध मुम्बई का भी है ।
हर साल मॉनसून आने से पहले बीएमसी ओर दिल्ली नगर निगम पूरी तैयारी करता है ओर हर साल जरा सी बारिश होने पर ऐसा लगता है जैसे समुद्र का सारा पानी मुम्बई की सड़को पर ओर दिल्ली के नालो का गंदा पानी दिल्ली की सड़को पर आकर निगम के सारे खोखले वादो को भी बहाकर ले जा रहा है । कहने को सारा केन्द्रीय नेतृत्व, दिल्ली के मुख्यमंत्री ओर लगभग एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियो की जमात दिल्ली मे ही मौजूद है वही दूसरी ओर ऐसा ही कुछ हाल मुम्बई का भी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ओर लगभग बालीवुड की सभी नामचीन हस्तिया मुम्बई मे ही है उसके बावजूद दिल्ली ओर मुम्बई का ऐसा हाल कही न कही अधिकारियो की काम के प्रति लापरवाही को बयाॅ करता है ।
कल हमारे एक बहुत ही महान सांसद राज्यसभा मे बैठकर भगवान राम पर अभद्र टिप्पणी तो कर सकते है परन्तु कभी बरसात ओर उससे होने वाली दिक्कतो पर चर्चा नही कर सकते क्योकि इन्हे क्या मतलब ?जनता अपने आप झेले । हमे तो अब पाच साल बाद ही इन सड़को पर उतरना है वोट मांगने के लिए । तब किसी गरीब के घर जाएगे फोटो खिचाएगे और फिर बैठ जाएगे इस कुर्सी पर उस गरीब को ओर गरीब बनाने के लिए ।
हमारी यही समस्या है हम पानी मे तो तैर कर रास्ता पार कर सकते है परन्तु कभी इन नेताओ को इनका असली चेहरा नही दिखा सकते ।लेकिन मै यह सब किनसे कहकर रहा हू उनसे जिन्हे यह सब पहले से ही मालूम है । ओर अगर मालूम है तो उठो ओर जब तक चुप मत बैठो जब तक इन नेताओ के चेहरो पर से इस अच्छाई के मुखौटे को उतार न फेको ।चाणक्य जी ने कहा था – “राजनिति मे भाग न लेने का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही होता है कि अयोग्य व्यक्ति हम पर शासन करने लगता है “।
हालाकि मॉनसून और इससे होने वाली परेशानी एक छोटा सा मुद्दा है परन्तु आग लगने के लिए एक हल्कि सी चिंगारी ही काफी होती है । तो इस मॉनसून अपने अन्दर के सोये हुए इंसान को जगाए ओर लड़िए उसके लिए जो आपका हक है । वरना यह बारिश है जनाब आगे आगे देखिए होता है क्या ?
Picture Credit: Rishabh’s Lens